उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में व्याप्त समस्याओं का एक अध्ययन

Authors

  • डॉ० श्रीमती छाया श्रीवास्तव , अरुण कुमार विश्वकर्मा

Abstract

शोध कोई भी हो वह तभी चरितार्थ होता है जब वह समाज के लिए उपयोगी सिध्द होता है। प्रस्तुत शोध में शोधकर्ता ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित प्राथमिक शिक्षा की समस्याओं का समीक्षात्मक अध्ययन किया है। प्राथमिक शिक्षा स्तर पर सर्व शिक्षा अभियान लागू करने का उद्देश्य था की देश के सभी 6-14 आयु वर्ग के बच्चों को अनिवार्य रुप से शिक्षा प्रदान करना। प्राथमिक स्तर के अनेकों उद्देश्यों को लेकर सन 2001 में सर्व शिक्षा अभियान शुरु किया गया। इस योजना के सभी उद्देश्य लागू तो कर दिये गए थे। परन्तु समय बितने के साथ यह योजना अपने उद्देश्यों से भटकती हुई नजर आने लगी। शोधकर्ता ने इस योजना में आने वाली समस्याओं का समीक्षात्मक अध्ययन किया हैं। शोधकर्ता ने अपने शोध के माध्यम से योजना की समस्याओं की समीक्षा किया है समीक्षा से प्राप्त निष्कर्ष योजना के सही से क्रियान्वयन में आने वाली अनेक बाधाओं का वर्णन करता है जिसमें विद्यार्थियों के नामांकन की समस्या, उपस्थिती की समस्या, समवेशी शैक्षिक वातावरण की समस्या, शिक्षकों में दायित्व बोध की समस्या, विद्यार्थियों में भाषा की समस्या, शिक्षकों के अभाव की समस्या एवं शिक्षकों को शिक्षण के अतिरिक्त दिये जाने वाले अन्य विभागों के काम की समस्या आदि शामिल हैं।
प्रस्तुत शोध निष्कर्ष के माध्यम से सर्व शिक्षा अभियान में आने वाली समस्याओं से जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत कराकर समाधान के लिए योजन निर्माण में उनकी सहायता किया जा सकता है। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा समस्याओं को समझने एवं आवश्यक योजना निर्माण करके विभिन्न समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया जा सकता है। इसके साथ ही प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित विभिन्न विद्यालयों के प्रशासकों/प्रधानाध्यापकों को अवगत कराया जा सकता है। प्रशासकों /प्रधानाध्यापकों से सर्व शिक्षा अभियान में विद्यालय स्तर पर आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए एक योजना का निर्माण किया जा सकता है और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान किया जा सकता हैं। प्राप्त निष्कर्ष के माध्यम से शिक्षक एवं समाज के पढ़े-लिखे और समझदार लोगो के द्वारा समाज के सभी अभिभावकों को जागरूक किया जा सकता है। सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाने में विद्यार्थियों के माता-पिता एवं अभिभावक की भूमिका अति महत्वपूर्ण होती है। समाज के सभी अभिभावक अपने-अपने बच्चों को पढ़ाना तो चाहते है परंतु जागरूकता की कमी के कारण शिक्षा के मार्ग में आने वाली छोटी- छोटी परंतु आवश्यक तथ्यों को ध्यान न देने से उनके बच्चों की शिक्षा बाधित होती है।
मुख्य शब्द- नामांकन, उपस्थिति, समावेशी शैक्षिक वातावरण, प्रतिशत इत्यादि।

Additional Files

Published

01-10-2023

How to Cite

डॉ० श्रीमती छाया श्रीवास्तव , अरुण कुमार विश्वकर्मा. (2023). उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में व्याप्त समस्याओं का एक अध्ययन. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 2(10), 35–41. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/180

Issue

Section

Research Paper