मानवाधिकार और घरेलू हिंसा

Authors

  • डॉ0 धर्मेन्द्र कुमार

Abstract

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 24 अक्टूबर 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर में कुल 32 अनुच्छेद है। मानवाधिकारों की रक्षा करने का दायित्व संयुक्त संघ की संस्था महासभा को दिया गया। महासभा विश्व के सभी देशों के नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा करता है। द्वितीय विश्व युद्ध से पहले मानवों पर बड़ा अत्याचार हो रहा था। नागरिकों को किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता नहीं थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अधिकांश देश स्वतंत्र हुए। सबसे बड़ा मुद्दा मानव अधिकारों की रक्षा का था। मानवाधिकारों की विश्व व्यापी घोषणा मानव जाति के लिए अधिकारों व स्वतंत्रताओं का एक विशेष चार्टर है। यह घोषणा के बल सिद्धान्तों का एक विवरण मात हैं, न कि कानूनी रूप में बन्धनकारी नियमों व दायित्वों का विवरण फिर भी यह विश्व का सर्वाधिक महत्वपूर्ण ‘प्रलेख’ माना जाता है। यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर की व्याख्या करने वाला प्रलेख है इसलिए इसका भी उतना महत्व है जितना स्वंय चार्टर का श्रीमती एजर्वेल्ट ने इस घोषणा पत्र को समस्त मानव-समाज का मैग्नाकार्टा कहा था।
शब्द संक्षेप- सम्बन्धित कानून, मानवाधिकार और घरेलू हिंसा

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Published

01-10-2023

How to Cite

डॉ0 धर्मेन्द्र कुमार. (2023). मानवाधिकार और घरेलू हिंसा. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 2(10), 82–84. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/187

Issue

Section

Research Paper