लैंगिक हिंसाः एक अमानवीय कृत्य

Authors

  • ऐश्वर्या सिंह

Abstract

भारत एक पितृसत्तात्मक देश है। भारत में जेंडर आधारित असमानताओं की जड़े काफी गहरी है और इन असमानताओं ने अपना जड़ स्थाई रूप से जमा लिया है। यह असमानताएं लिंग आधारित हिंसा को बढ़ावा देती है। भारत में अनेक ऐसी समस्याएं हैं, जो महिलाओं से संबंधित है जैसे भ्रूण हत्या, लिंग आधारित गर्भपात, यौन तस्करी, पीछा किया जाना, दहेज प्रताड़ना, बाल विवाह, एसिड हमले और सबसे खतरनाक तो झूठे सम्मान के लिए हत्या करना जिसे ऑनर किलिंग भी कहा जाता है। भारत में ऐसे कानूनों की कमी नहीं है जो लैंगिक हिंसा से जुड़ी हुई है और जो इस दावे के साथ बनाई जाती है कि इन कानूनों से महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा में कमी आएगी, किंतु यह सब कागजी बातें हैं जो कभी भी धरातल पर उतर ही नहीं पाती हैं। आज भी महिलाएं हर जगह हिंसा का शिकार हो रही है। यह हिंसा शारीरिक या मानसिक किसी भी रूप में हो सकती है। प्रस्तुत शोध अध्ययन के अंतर्गत जेंडर आधारित लैंगिक हिंसा के सामाजिक आयामों का अध्ययन किया जाएगा तथा यह भी जानने का प्रयास किया जाएगा कि कैसे कानून व्यवस्था से जुड़ी कमियां लैंगिक हिंसा की समस्या को बढ़ावा देती हैं। इस अध्ययन में यह भी जानने का प्रयास किया जाएगा कि लैंगिक हिंसा किस प्रकार से महिलाओं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रभावित करती है।
मुख्य बिंदु- लैंगिक हिंसा, लैंगिक हिंसा के सामाजिक आयाम, कानून व्यवस्था एवं नारी।

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Published

01-10-2023

How to Cite

ऐश्वर्या सिंह. (2023). लैंगिक हिंसाः एक अमानवीय कृत्य. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 2(10), 164–168. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/207

Issue

Section

Research Paper