नई विश्व व्यवस्था में भारत-चीन सम्बंध
Abstract
प्रस्तुत शोध पत्र आधुनिक विश्व व्यवस्था में तीसरी दुनिया के दो उभरते हुए दो देशों के सम्बंध के बारे में है- भारत और चीन। भारत और चीन दोनों ही देश जनसंख्या की दृष्टि से सभी देशों में सबसे अग्रणी है। और इनकी बढ़ती हुई शक्ति व विश्व में इनका प्रभाव विश्लेषण का मुख्य कारण है। इस शोध पत्र में भारत और चीन के सम्बंधों का अध्ययन व विश्लेषण करने के लिये दोनो देशों के ऐतिहासिक सम्बंधों का विश्लेषण किया गया। भारत की स्वतंत्रता के बाद दोनों देशों मे किस प्रकार परिवर्तन आया और किस तरह इनके सम्बंधों में परिवर्तन आया। विचारधाराओं में अंतर और सीमा को लेकर दोनों देशों में काफी मतभेद थे। 1962 में भारत और चीन के मध्य युद्ध इस मतभेद का सबसे खराब दौर था और युद्ध के बाद किस तरह वास्तविक नियंत्रण सीमा का निर्माण किया गया और दोनों देशों के सीमा विवाद को सुलझाने का प्रयास किया गया। दोनों देशों के मध्य ब्रम्हपुत्र नदी के जल को लेकर भी काफी विवाद था।
इन विवादों के बाद भी दोनों देशों ने अपने सम्बंधों को मधुर बनाने के लिये अनेको प्रयास किये। दोनों देशों के राष्ट्रप्रमुखों ने एक दूसरे देश की यात्राएँ की और अनेक शांति समझौते किये साथ ही आर्थिक विकास के लिये दोनों देशों के मध्य प्रमुख समझौते हुये। भारत का चीन से होने वाला व्यापार अन्य देशों की तुलना भी बहुत ज्यादा है। चीन के उत्पादों का सबसे अधिक दोहन भारत में ही होता है भारत चीन के लिये सबसे बड़ा बाजार है और इसीलिये वह भारत से दुश्मनी करके अपने लिये कोई खतरा नही चाहता। हाल ही के कुछ वर्षों में भारत और चीन के मध्य पुनः सीमा विवाद बढ़ता हुआ दिखाई दिया और किस तरह भारत ने अपनी विदेश नीति व कूटनीति से इस समस्या को सुलझाया इसका भी विश्लेषण इस शोध पत्र में किया गया है।
कोरोना वायरस की वजह से पूरे विश्व में चीन की बहुत निंदा हुई और विश्व के विकसित राष्ट्रों से उसके सम्बंध किस तरह बिगड़ने लगे और भारत का दुनिया के देशों को भेजी गई मदद जिससे भारत की छवि विश्व में विश्व बंधुत्व व मानवता को स्थापित करने वाले देश के रूप में हुई और इस तरह नई विश्व व्यवस्था में किस तरह दोनों देशों के आपसी सम्बंध प्रभावित हुये और उनके बदलते सम्बंधों का प्रभाव अन्य देशों पर किस तरह पड़ा। इन सभी बातों ने विषय को शोध का विषय बना दिया और राजनीति शास्त्र के शोधार्थियों का ध्यान इस विषय की ओर आकृष्ट हुआ।
Keywords-- नई विश्व व्यवस्था, भारत-चीन सम्बंध, विचारधाराओं में अंतर, वैश्विक बाजार, विश्व बंधुत्व व मानवता।
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