लैंगिक हिंसा और मानवीय गरिमा
Abstract
इस शीर्षक पर अपने आलेख को आगे बढ़ाने से पहले हमें हिंसा के सम्बन्ध में समीचीन ;।बबनतंजमद्ध जानकारी करना अपेक्षित होगा। ‘‘स्वयं, किसी व्यक्ति अथवा समूह या समुदाय के विरुद्ध जानबूझकर उन्हें किसी प्रकार के मानसिक या शारीरिक चोट पहुँचाने के उद्देश्य से किये गये अप्रिय शक्ति के प्रयोग को हिंसा कहा जाता है।‘‘
शब्द संक्षेप- भारतीय समाज, लैंगिक हिंसा, मानवीय गरिमा, दशा एवं दिशा।
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Published
08-10-2023
How to Cite
हृदेष कुलश्रेष्ठ. (2023). लैंगिक हिंसा और मानवीय गरिमा. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 2(11), 74–77. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/224
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Research Paper
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