बच्चों पर मोबाइल का बढ़ता प्रभाव : मुद्दे एवं चुनौतियाँ

Authors

  • राघवेन्द्र मालवीय

Abstract

जैसे जैसे विकास का हर क्षेत्र अग्रसर हो रहा हैं वैसे वैसे ही प्रौद्यौगिकी टेक्नोलाजी भी आगे की ओर अग्रसर हो रही हैं और इस तकनीक के विकास का ही यह छोटा उपकरण हैं मोबाइल हैं। यह जितना देखने में छोटा हैं उतना ही महत्वपूर्ण इसका कार्य हैं। मोबाइल हमारे जीवन शैली का अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रतिविम्ब बन गया है। कि इसके बिना इंसान एक कदम भी आगे नहीं चल सकता अर्थात नहीं रह सकता है। और इसकी पहुॅच न केवल उच्च वर्ग के सीमित है बल्कि यह सभी वर्गों के लोगो तक आ गया है। और इस छोटे से उपकरण ने पूरी दुनिया को अपने मुठ्ठी में समा लिया है। लेकिन स्थिति अब यह है कि छोटे से छोटे बच्चा भी अपने पैरेन्टस से मोबाइल के प्रकारो या मॉडलो के बारे में बात करने लगा है उस पर गेम खेलता है, टोन बदलता है, वॉलपेपर बदलता है, मैसेज भेजता है, पढ़ता है। वह सभी जो बड़े करते है वह सब अब बच्चें क्यों करने लगे है या हम यॅू कह सकते है कि बच्चें अब खिलौनों की जगह मोबाइल से खेलना प्रसन्न करने लगे है। बच्चें बजार आये नए माडलों के बारे में जानकारी रखते है इतनी जानकारी उन्हें अपने क्लास में पढ़ाये गये विषयों की क्यों नहीं रहती है।
Keywords- भारतीय बच्चे, मोबाइल का प्रभाव, प्रौद्यौगिकी टेक्नोलाजी, मोबाइल उपयोग की सकारात्मकता और नकारात्मकता।

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Published

01-11-2022

How to Cite

राघवेन्द्र मालवीय. (2022). बच्चों पर मोबाइल का बढ़ता प्रभाव : मुद्दे एवं चुनौतियाँ. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 1(11), 18–20. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/24

Issue

Section

Research Paper