आधुनिक जीवन के प्रबंधन में आध्यात्मिक मूल्यों का महत्व
Abstract
आधुनिक समय में मानव के जीवन में भौतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है फिर भी मनुष्य का मन असंतुष्ट है, वह तनावग्रस्त एवं शारीरिक रूप से अस्वस्थ है क्या कारण है कि, वर्तमान युग में तकनीकी विकास एवं भौतिक संसाधनों की प्रचुरता के बाद भी मानव समाज में चारों ओर असंतोष व्याप्त है। भौतिक जीवन की चरम उपलब्धियों पर पहुंचने के बाद भी मानव खालीपन ही महसूस करता है क्योंकि भौतिक जीवन की उपलब्धियां आत्मिक संतोष एवं सच्ची संतुष्टि प्रदान नहीं कर पाती है।
मानव जीवन में पूर्णता की अनुभूति एवं सत्य ज्ञान का प्रकाश आध्यात्मिक मूल्य प्रदान करते हैं आध्यात्मिक जीवन का उद्देश्य मनुष्य के सर्वोत्तम विकास पथ को आलोकित करना है जिसमें परम आनंद, संतोष, सुख- शांति की कामना शामिल हैद्य अध्यात्म की यात्रा मानसिक शांति और सद्भावना का विकास करती है आध्यात्मिक जीवन के तत्व मनुष्य जीवन को संपूर्णता प्रदान करते हैं जिसमें क्रम से शरीर -मन -आत्मा का स्वास्थ्य संवर्धन लाभ होता है द्य अध्यात्म मार्ग की प्रणाली ईश्वरीय मार्ग से जोड़ने वाली है यह अंतर्मन की शक्तियों का प्रादुर्भाव करके चेतना की गहराइयों से जोड़ने वाला माध्यम है द्य हमारे भारतीय दर्शनों ने योग दर्शन को जीवन का आधार मानकर मनुष्य जीवन के सभी पक्षों को दृष्टि प्रदान की है जिसमें मानव के संपूर्ण जीवन के संतुलन की प्रणाली स्थापित हो। मनुष्य की जीवन प्रणाली को सुव्यवस्था प्रदान करने के लिए चार पुरुषार्थों धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष रूपी जीवन शैली का विधान किया गया है जिसका पालन करते हुए मनुष्य अपनी सर्वार्थसिद्धि करता है इस प्रकार विवेक एवं प्रज्ञा से युक्त कर्म ही मानव के जीवन की सर्वश्रेष्ठ निधि है।
मूल शब्द- आधुनिक जीवन, आध्यात्मिक मूल्य, योग दर्शन, मानसिक स्वास्थ्य।
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