जीवन कौशल शिक्षणः सफल जीवन का एक प्रमुख गुण

Authors

  • असरा बीबी सिद्दीकी

Abstract

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज उससे सामाजिक आदर्शो एवं मानकों के अनुसार आचरण एवं व्यवहार करने की अपेक्षा करता है। समाज का संगठन या निर्माण कई इकाईयों से मिलकर होता है जैसे-व्यक्ति समितियां, समुदाय, संस्थाएं, समूह इत्यादि। जब यह सभी समाज की अपेक्षाओं एवं मूल्यों तथा प्रतिमानों के अनुसार अपनी भूमिकाओं एवं कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं तब समाज मंे सामाजिक एकता एवं संगठन बना रहता है। व्यक्ति समाज की प्राथमिक इकाई है तथा इस रुप में यह समाज का आधार है। अर्थात किसी भी समाज का विकास एवं सफलता उसमें रहने वालें व्यक्तियों के विकास एवं सफलता पर निर्भर करती है। इस रुप में मनुष्यों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण एवं बहुमुखी विकास समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। कौशल विकास भी व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। समाजीकरण के माध्मय से व्यक्ति में समाज में जीने की क्षमता का विकास होता है।
शब्द संक्षेप- व्यक्ति, समाज, जीवन कौशल शिक्षण, सफल जीवन, एक प्रमुख गुण

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Published

30-04-2024

How to Cite

असरा बीबी सिद्दीकी. (2024). जीवन कौशल शिक्षणः सफल जीवन का एक प्रमुख गुण. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(04), 1–2. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/331

Issue

Section

Research Paper