ग्रामीण बेरोजगारी का स्वरूप तथा मनरेगा योजना की भूमिका

Authors

  • प्रोफेसर एच.पी.चौधरी1, जोखन सिंह2

Abstract

भारत की दो तिहाई आबादी गांव में निवास करती है। इसलिए बिना गांव के संपूर्ण भारत की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। भारत में जहां एक तरफ आधुनिक सुविधाओं से युक्त विभिन्न शहर है जो दुनिया के किसी भी देश की बराबरी करने की क्षमता रखते हैं वहीं दूसरी तस्वीर भारत के गांव की है जहां कि विभिन्न प्रकार की अब भी संरचनात्मक समस्याएं विद्यमान है जिसके कारण ग्रामीण आबादी अपेक्षाकृत भौतिक सुख सुविधाओं से वंचित है । ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य ,रोजगार और अवसंरचनात्मक की समस्याएं विद्यमान हैं । जिसके कारण ग्रामीण लोगों को शहरों की ओर पलायन हेतु विवश होना पड़ता है। यदि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इन क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर उपयुक्त क्षेत्र मे निवेश किया जाए तो जाहिर सी बात है कि गांव का ढांचा मजबूत होगा और ग्रामीण क्षेत्र से शहरों की ओर लोगो का पलायन कम होगा वही शहरों पर अतिरिक्त जनसंख्या का दबाव भी कम होगा।
मुख्य शब्द- ग्रामीण बेरोजगारी, ग्रामीण आबादी, स्वरूप, मनरेगा योजना।

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Published

31-05-2024

How to Cite

प्रोफेसर एच.पी.चौधरी1, जोखन सिंह2. (2024). ग्रामीण बेरोजगारी का स्वरूप तथा मनरेगा योजना की भूमिका. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(05), 29–33. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/348

Issue

Section

Research Paper