स्वतंत्र भारत में यौन उत्पीड़न:- समस्या और समाधान
Abstract
’यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवतः। अर्थात जहाँ नारियों (महिलाओं) का सम्मान होता है वहीं देवता निवास करते है इस प्रकार की मान्यता एंव विश्वास दुनिया को देने वाला भारत देश का सांस्कृतिक इतिहास इस प्रकार का रहा है कि प्राचीन काल से ही भारत में महिलाओं को बराबर सम्मान हासिल था, सिन्धु घाटी सभ्यता को तो महिला प्रधान सभ्यता होने का सौभाग्य प्राप्त है। अपनी उर्वरा क्षमता एवं शक्ति के आधार के कारण ही भारतीय जनमानस ने हमेशा महिलाओं को सम्मान प्रदान किया है। हालांकि समय परिवेश और सत्ता के बदलाव के साथ-साथ महिलाओं की स्थिति में भी परिवर्तन आया जो महिला अभी तक पूज्यनीय मानी जाती थी अब उसको भोग विलास का साधन मात्र माना जाने लगा।
शब्द संक्षेप- भारतीय समाज, भारतीय जनमानस, महिलाएं, यौन उत्पीड़न, समस्या और समाधान।
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