जाति व्यवस्थाः गांधी एवं अंबेडकर एक विश्लेषण
Abstract
परंपरागत भारतीय समाज में जाति को एक इकाई एवं व्यवस्था के रूप में प्रेषित किया गया है जाति व्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका सामाजिक आर्थिक संरचना के नियोजन से भी रहे हैं। अपने उद्भव के समय से जाति व्यवस्था सामाजिक सामंजस्य कर्तव्य एवं सहयोग के मानदंडों तथा व्यावसायिक वर्गीकरण पर आधारित थी विकास के साथ-साथ भारत में राजनीतिक सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों में दशाओं में परिवर्तन हुआ अतः जाति व्यवस्था भी परिवर्तित होती गई।
शब्द संक्षेप- परंपरागत भारतीय समाज, जाति व्यवस्था, गांधी, अंबेडकर
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Published
31-07-2024
How to Cite
आरती सोलंकी1 , प्रोफेसर विन्नी जैन2. (2024). जाति व्यवस्थाः गांधी एवं अंबेडकर एक विश्लेषण. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(07), 22–25. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/364
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Research Paper
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