योग और मनोविज्ञानः वर्तमान जीवन शैली के परिपेक्ष्य में योग का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

Authors

  • कविता चौबे1

Abstract

प्रस्तुत अध्ययन में वर्तमान जीवन शैली के परिपेक्ष्य में योग का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव का अध्ययन किया गया है। आधुनिक समय में भागम भाग वाली जीवन शैली के कारण तमाम तरह की समस्याएं मनुष्य के सामने हैं। जिससे वह अपने आप को जीवन में चारों तरफ से दबाव में घिरा हुआ पाता है और यहां से ही वह कई तरह की चिंताओं, भय और तनाव में फसता जाता है और उसे कई तरह की मानसिक व शारीरिक परेशानियां घेर लेती हैं और आगे जाकर चिरकाल तक बनी रहने पर गंभीर मानसिक व शारीरिक बीमारियों में परिवर्तित हो जाती हैं।
उपयुक्त सभी समस्याओं का हल है कि अपनी जीवन शैली को योगमय जीवन शैली में परिवर्तित किया जाए। जो कि महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग को अपनाकर संपूर्ण योग को समझा जा सकता है व कई तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है क्योंकि कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है और स्वस्थ मन में ही स्वस्थ शरीर का” दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं।
मुख्य शब्द- वर्तमान जीवन शैली, योग, मनोविज्ञान, मानसिक स्वास्थ्य

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Published

30-06-2024

How to Cite

कविता चौबे1. (2024). योग और मनोविज्ञानः वर्तमान जीवन शैली के परिपेक्ष्य में योग का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(06), 36–40. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/374

Issue

Section

Research Paper