भारतेन्दु के नाटकों में राष्ट्रीयता एवं पुनर्जागरण चेतना

Authors

  • डॉ0 प्रियंका रानी1

Abstract

आधुनिक हिन्दी साहित्य के जनक और हिन्दी गद्य साहित्य को आधुनिक चेतना से जोड़ने वाले बाबू हरिश्चन्द्र का जन्म 6 सितम्बर 1850 ई० को हुआ था। भारतेन्दु सहृदयी, परोपकारी, देशसेवी थे। भारतेन्दु ने साहित्य और समाज को एक युगान्तकारी देन दी। फलस्वरूप हिन्दी के आधुनिक युग के प्रथम चरण का नाम ही भारतेन्दु युग हो गया, भारतेन्दु युग सामाजिक चेतना का प्रवेश द्वार रहा है।
कीवर्ड - आधुनिक हिन्दी साहित्य, भारतेन्दु, नाटक विधा, राष्ट्रीयता, पुनर्जागरण चेतना

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Published

31-08-2024

How to Cite

डॉ0 प्रियंका रानी1. (2024). भारतेन्दु के नाटकों में राष्ट्रीयता एवं पुनर्जागरण चेतना. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(8), 1–4. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/376

Issue

Section

Research Paper