लखनऊ जनपद के शिक्षक प्रशिक्षुओं में योग शिक्षा के प्रति अभिवृत्ति का अध्ययन
Abstract
शिक्षा जगत में योग शिक्षा बहुत ही आवश्यक है क्योंकि आज के वर्तमान परिवेश में ज्यादातर छात्र एवं छात्राएँ शारीरिक व मानसिक रूप से अस्वस्थ रहते हैं । जिसके कारण उनमें शिक्षा का विकास जितना अपेक्षित है उतना नहीं हो पा रहा है । फलतः वह लोग अपने गंतव्य स्थान तक पहुँचने में असमर्थ हो जाते हैं । योग किसी धार्मिक सिद्धान्त का प्रचार नहीं करता है अपितु संसार के सभी धर्मों को इसके द्वारा शिक्षा मिलती है कि किस प्रकार अपनी.अपनी धर्म विषयक बातों में मन को एकाग्र करने से शांति एवं आनन्द प्राप्त होता है । योग सूत्र में यह कहा गया है कि श् तुम जो कुछ करोए उसे सच्चे हृदय और तन्मयता से होकर करो श्। योग स्वयं कोई धर्म सम्प्रदाय या धर्म विषयक तत्वज्ञान नहीं है तथा यह किसी धार्मिक सिद्धान्त का प्रचार भी नहीं करता है अपितु यह संसार के सभी धर्मों और तत्वज्ञानों का सहायक है ।
शोध अध्ययन में न्यादर्श के रूप में 100 शिक्षक प्रशिक्षुओं का चयन यादृच्छिक न्यादर्श विधि से किया गया है । प्रशिक्षुओं में योग शिक्षा के प्रति अभिवृत्ति का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है जिसमें छात्र एवं छात्राओं की समस्याओं के प्रति सकारात्मक विचार पाए गए हैं ।
मुख्य शब्द दृ योग शिक्षाए शिक्षक.प्रशिक्षकए उपनिषद
Additional Files
Published
How to Cite
Issue
Section
License
Copyright (c) 2024 www.ijarps.org

This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License.