भारत में ऑनलाइन शिक्षा का स्वरूप : अवसर एवं चुनौतियाँ

Authors

  • अमित कुमार सिंह

Abstract

आधुनिक सदी में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के रूपान्तरण द्वारा शिक्षा की दुनिया किताबों के पन्नों से निकलकर कंप्यूटर, लैपटाप और मोबाइल की स्क्रीन पर आ गई। जिसे ऑनलाइन या डिजिटल शिक्षा का नाम दिया जाता है। ऑनलाइन शिक्षण के बहुत सारे लाभ गिनाए जा रहे हैं, सबसे महत्वपूर्ण यह है कि किसी भी विषय के विशेषज्ञ से ऑनलाइन जुड़कर सीधे वर्चुअल माध्यम द्वारा संवाद किया जा सकता है। शिक्षा के क्षेत्र यह एक क्रांति है जिसमें डिजिटल गजेट्स, इंटरनेट और तकनीकी से सुसज्जित एवं उसमें दक्ष शिक्षक भागीदार होते हैं। पर तकनीकी प्राप्ति की कुछ अपनी सीमायेँ है इसलिए जितनी मात्रा में भौतिक, तकनीकी और मानवीय संसाधनों की आवश्यकता है। उसे पूरा करने के लिए सरकारी तथा निजी क्षेत्र को समवेत प्रयास करना होगा जिसमें और समय लगने की संभावना है। उपलब्धता, सर्वसुलभता, सर्वव्यापकता, पहुँच और क्रय शक्ति क्षमता में अंतर डिजिटल डिवाइड को उत्त्पन्न करेगा। जो शैक्षिक असमानताएं और सामाजिक विभेद को और बढ़ा सकता है। इसलिए इस ओर तकनीकी विकास के साथ अंतिम व्यक्ति तक पहुँच को भी सुनिश्चित करने की महती आवश्यकता है।
मुख्य शब्द- ऑनलाइन शिक्षा, ई-कंटेन्ट, वर्चुअल माध्यम, स्मार्ट क्लास, वेब क्लास, विडियो काउन्सलिंग, डिजिटल गजेट्स, डिजिटल डिवाइड।

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Published

31-01-2023

How to Cite

अमित कुमार सिंह. (2023). भारत में ऑनलाइन शिक्षा का स्वरूप : अवसर एवं चुनौतियाँ. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 2(1), 18–22. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/43

Issue

Section

Research Paper