जलवायु परिवर्तन तथा वैश्विक तापमान के परिवर्तन का भारत के समिष्ट आर्थिक चरों पर प्रभाव

Authors

  • वीरेन्द्र कुमार1

Abstract

जलवायु असल में किसी स्थान पर फैला हुआ एक औसत मौसम हैं, जो वहां सैकड़ो या हजारों सालों से पाया जाता है। सरल भाषा में इसका मतलब है कि किसी स्थान का औसत तापमान बारिश, नमी, हवा आदि की विशेष स्थिति ही अगर कुछ हजार सालों तक बनी रहे तो इसे उसे स्थान की जलवायु कहते हैं। इसका निर्माण वायुमंडल भूमि की सतह, बर्फ, हिम ,समुद्र और ऐसी ही अन्य चीजों से होता है, इसमें जीव जंतु और पेड़ पौधे भी शामिल होते हैं, इसे जलवायु तंत्र भी कहते हैं।
मुख्य शब्द- जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तापमान परिवर्तन, आर्थिक चरों पर प्रभाव

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Published

30-11-2024

How to Cite

वीरेन्द्र कुमार1. (2024). जलवायु परिवर्तन तथा वैश्विक तापमान के परिवर्तन का भारत के समिष्ट आर्थिक चरों पर प्रभाव. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(11), 111–117. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/469

Issue

Section

Research Paper