सतत् विकास मे जलवायु शमन और जलवायु अनुकूलन का महत्व एवं जलवायु शिक्षा का योगदान

Authors

  • श्रीमती निशा1, प्रो0 (डॉ0) अनामिका कौशिवा2

Abstract

विकास एक बहुआयामी प्रक्रिया है जो मानव समाज की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए निर्धनता, बेरोजगारी और असमानता को कम कर के जीवन स्तर में सुधार करती है। तकनीकी प्रगति, औद्योगीकरण तथा प्राकृतिक संसाधनों के अधिकतम प्रयोग से जहाँ एक ओर आर्थिक विकास हुआ है वहीं दुसरी ओर पर्यावरणीय क्षय भी हुआ है। प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उपयोग से उत्पन्न पारिस्थितिकी असंतुलन के कारण जलवायु परिवर्तन की विकट समस्या वैश्विक स्तर पर उत्पन्न हुई। विकास और पर्यावरण के बीच विकास का एक संतुलित मार्ग परिभाषित करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने ‘सतत् विकास‘ की अवधारणा का प्रतिपादन किया। सतत् विकास की अवधारणा में पर्यावरण के अनुरूप विकास तथा संसाधनों को भावी पीढ़ियों के लिए बचाए रखने हेतु अनुकूलतम संसाधन उपयोग पर बल दिया जाता है। सतत् विकास लक्ष्य 13 प्रतिशत जलवायु कार्रवाई का उद्वेश्य जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करना है। जलवायु कार्रवाई के दो पहलू हैंः जलवायु परिवर्तन शमन और जलवायु अनुकूलन। जलवायु शमन, ग्रीनहाउस गैंसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए किए गए सभी कार्यों को संदर्भित करता है। जलवायु अनुकूलन का अर्थ है जलवायु परिवर्तन के वर्तमान और अनुमानित प्रभावों के लिए विश्व को तैयार करने और समायोजित करने के लिए किए गए उपाय। जलवायु कार्रवाई के अनुकूल होने का पहला कदम जनता में जलवायु परिवर्तन, शमन और अनुकूलन की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करना और जलवायु कार्रवाई करने की क्षमता और कौशल विकसित करना है। जलवायु शमन और जलवायु अनुकूलन आपस में जुडे हुए हैं और समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। जलवायु शिक्षा दोनो कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जलवायु शिक्षा, जलवायु प्रणाली, जलवायु के मूल विज्ञान और जलवायु परिवर्तन को समझने पर केंन्द्रित है। इसका लक्ष्य है जलवायु साक्षरता। जलवायु शिक्षा नवाचार को बढावा देती है और जलवायु जोखिमों के प्रति लचीलापन बढाती है। बदलती जलवायु से निपटने के लिए मूलभूत कौशल महत्वपूर्ण हैं। यह शोध पत्र जलवायु शमन और अनुकूलन के मुद्वे और इन दोहरे उद्वेश्यों को प्राप्त करने में शिक्षा द्वारा निभाई गई भूमिका पर केंन्द्रित है। यह जलवायु शिक्षा को बढावा देने के लिए भारत में उठाए गए कुछ कदमों पर भी प्रकाश डालता है।
बीज शब्द- जलवायु परिवर्तन, जलवायु कार्रवाई, जलवायु शमन, जलवायु अनुकूलन, सतत् विकास लक्ष्य 13, जलवायु शिक्षा

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Published

30-11-2024

How to Cite

श्रीमती निशा1, प्रो0 (डॉ0) अनामिका कौशिवा2. (2024). सतत् विकास मे जलवायु शमन और जलवायु अनुकूलन का महत्व एवं जलवायु शिक्षा का योगदान. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(11), 164–172. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/476

Issue

Section

Research Paper