‘‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जलवायु परिवर्तन का सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव’’

Authors

  • डॉ0 सीता त्रिपाठी1

Abstract

जलवायु परिवर्तन को अब आर्थिक स्थिरता के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक माना जाता है। जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरण दूषित हो रहा है जिसका मानव पर गंभीर प्रभाव देखने को मिल रहा है। तीव्र गर्म हवाऐं (हीटवेव) हमें काम करने में असक्षम बनाती है और उत्पादकता को भी कम करती है। जलवायु परिवर्तन असमानता के वैश्विक पैटर्न के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का खामियाजा भुगतना पड़ता हैं, फिर भी वे संकट में सबसे अधिक योगदान देते हैं। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव बढ़ते हैं, लाखों कमजोर लोग चरम घटनाओं, स्वास्थ्य प्रभावों, भोजन, पानी और आजीविका सुरक्षा, प्रवास और जबरन विस्थापन, सांस्कृतिक पहचान की हानि और अन्य संबंधित जोखिमों के संदर्भ में असंगत सामाजिक एवं आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हैं।
महत्वपूर्ण शब्द- जलवायु परिवर्तन, आर्थिक स्थिरता, सामाजिक प्रभाव

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Published

30-11-2024

How to Cite

डॉ0 सीता त्रिपाठी1. (2024). ‘‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जलवायु परिवर्तन का सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव’’. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(11), 179–184. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/479

Issue

Section

Research Paper