डिजिटल तकनीकी द्वारा शिक्षणः चुनौतियाँ एवं समाधान
Abstract
हमारे देश भारत में प्रारम्भ से ही शिक्षा को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया जाता रहा है। भारत की पहचान शिक्षा की परम्परागत प्रणाली से है, जिसके अन्तर्गत एक स्थान पर शिक्षक एवं शिक्षार्थियों के बीच अन्तःक्रिया किसी विशेष पाठ्यक्रम को लेकर होती है। जैसे ही प्रौद्यौगिकी युग ने अपने पैर पसारना शुरू किये तो इस प्रौद्यौगिकी के प्रभाव से शिक्षा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा। इस तकनीकी विकास ने ही कई नवाचारों को जन्म दिया है। इन्हीं नवाचारों में से हैं - डिजिटल लर्निंग एवं ऑनलाइन लर्निंग। ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में एक नवीन क्रांति तब आयी जब सन् 2020 के प्रारम्भ में कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी ने पूरे विश्व में हाहाकार मचा दिया। वायरस के प्रभाव को देखते हुए शैक्षिक संस्थानों को कुछ समय तक बंद करना पड़ा, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई, परीक्षाएँ एवं मूल्यांकन कार्य सभी प्रभवित हुए। लम्बे समय तक इसका प्रभाव रहने के कारण विद्यार्थियों की शिक्षा को ज्यादा हानि न पहुँचे इसलिए शिक्षा संस्थानों द्वारा डिजिटल उपकरणों के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा को शिक्षा के एक विकल्प के रूप में अपनाया गया। इसका प्रभाव यह हुआ कि वर्तमान समय में डिजिटल एवं ऑनलाइन लर्निंग का महत्त्व पहले की तुलना में काफी बढ़ गया। जिसके कारण भारत सरकार द्वारा जारी नई एन.ई.पी. 2020 में भी डिजिटल तकनीकी द्वारा ऑनलाइन शिक्षा को एक महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है। लेखिका द्वारा उपर्युक्त बातों को गहराई से समझा गया है और स्वयं कोविड-19 के दौरान ऑनलाइन लर्निंग की गयी है। अतः इन्हीं अनुभवों के आधार पर लेखिका ने प्रस्तुत लेख में वर्तमान समय को देखते हुए डिजिटल एवं ऑनलाइन लर्निंग के आलोक में डिजिटल तकनीकी से सम्बन्धित प्रयासों, एन.ई.पी. 2020 की सिफारिशों, चुनौतियों एवं उनके सम्भावित समाधानों की चर्चा की है।
मुख्य शब्द- डिजिटल, ऑनलाइन लर्निंग, प्राद्यौगिकी एवं डिजिटल इलेक्ट्रानिक उपकरण।
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