गव्य विकास योजना सीमान्त एवं लघु किसान के जीवन रेखा सतत कृषि विकास के विशेष संदर्भ में रेखा में मुजफफरपुर जिला का अध्ययन

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  • भगवान राय1

Abstract

भारत एक कृषि प्रधान देश है कृषि भारतीय अर्थव्यावस्था के प्राथमिक क्षेत्र का प्रमुख घटक है स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारतीय कृषि अंत्यत पिछड़ी अवस्था में थी उस समय कृषि में श्रम और भूमि की उत्पादकता कम थी किसान परंपरागत कृषि पद्ध्रतियों से कृषि करते थे कृषि कार्य केवल जीवन निर्वाह हेतु किए जाते थे परंतु आज भारत में कृषि उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। आज भारतीय कृषि भारत की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश की आबादी का 54.6 प्रतिशत कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों में लगा है कृषि क्षेत्र में हुए नवीनतम विकास की वजह से एगी्र वेयरहाउसिंग, कोल्ड चेन, सप्लाई चेन, डेयरी पोल्ट्री, मांस, मछली, बागवानी इत्यादी गतिविधियों में रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर बढ़ रहे है। लघु और सीमान्त किसान अपना खेती करने के साथ-साथ अर्थात पशु गाय भैंस बकरी भी पालते है। जो उनके आय का प्रमुख साधन है। सतत कृषि का तात्पर्य, कृषि प्रणाली को दीर्घकालिक रूप से व्यवहार्य बनाना और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करना होता है। सतत कृषि में, पर्यावरणीय प्रबंधन आर्थिक लाभप्रदता और सामाजिक समानता पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है। पशुधन टिकाउ खेती प्रणाली का अहम हिस्सा है। पशुधन से मांस, दूध, ऊन जैसे टिकाउ रेशे मिलते हैं। पशुधन से रोजगार मिलता है। पशुधन से कृषि भूमि पर खरपतवारो का फैलाव रुकता है। राष्ट्रीय सतत कृषि गठबंधन (छै।ब्) ने कृषि विधेयक के अनुसंधान और संरक्षण शीर्षको में ऐसे प्रावधान शामिल करने के लिए लगातार काम किया है जो टिकाउ पशुधन डेयरी और पोल्ट्री किसानों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्रणालियो का समर्थन करते है।
मुख्य शब्द- गव्य विकास योजना, सीमान्त, लघु किसान, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, सतत कृषि विकास

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Published

30-11-2024

How to Cite

भगवान राय1. (2024). गव्य विकास योजना सीमान्त एवं लघु किसान के जीवन रेखा सतत कृषि विकास के विशेष संदर्भ में रेखा में मुजफफरपुर जिला का अध्ययन. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(11), 235–239. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/487

Issue

Section

Research Paper