डिजिटल साक्षरता और नवाचार शिक्षक
Abstract
वर्तमान और भविष्य की बढ़ती अर्थव्यवस्था और प्रतिदिन की दिनचर्या में सबसे बड़ी भूमिका डिजिटल साक्षरता की है। जहां पूरी दुनिया डिजिटल पर आश्रित हो जायेगी और जिसके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी डिजिटल साक्षरता। जिस प्रकार से मानव को दुनिया देखने के लिए आंखों की आवश्यकता होती है और आंखे ना हुई तो उसे पूरी दुनिया अन्धकारमय लगती है ठीक इसी प्रकार आने वाले समय में मनुष्य को पूरी दुनिया का अवलोकन करना हो तो डिजिटल साक्षरता ही उसे पूरी दुनिया का अवलोकन करने में महती भूमिका निभायेगा। डिजिटल साक्षरता ही डिजिटल कौशल को बढ़ावा देती है, क्योंकि जिस गति से देश में डिजिटलीकरण हो रहा है, हमें भी अपने आप को उस गति के अनुसार दक्ष बनना होगा। जो व्यक्ति डिजिटल रूप से साक्षर नहीं है उनके लिए डिजिटली साक्षरता के महत्त्व को समझना होगा क्योंकि डिजिटलीकरण पारंपरिक और पुराने तरीकों की जगह लेते जा रहा है।
अन्त में यही कहा जा सकता है कि डिजिटल साक्षरता और शिक्षक नवाचार के माध्यम से अर्थात् डिजिटल साक्षरता के अस्तित्व में आने से असीमित संख्या में विद्यार्थी देश-विदेश के शीर्ष शिक्षकों द्वारा ली गयी एक ही कक्षा में उपस्थित हो सकेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के खुले विश्वविद्यालयों में दूरस्थ शिक्षा की वर्तमान लागत को देखते हुए शिक्षा के डिजिटलकरण के माध्यम से सरकारी नीतियों को ठीक प्रकार से शैक्षिक प्रणाली में क्रियान्विति हो सकेगी। वर्चुअल क्लासेज, वेबिनार, ई-मैटेरियल्स, ई-परीक्षा, ई-मूल्यांकन, ई-दीक्षान्त समारोह भी हो रहे हैं। सरकारी नीतियां शिक्षा के डिजिटलीकरण पर जोर देकर शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवा कर राष्ट्र को प्रत्येक तकनीकी मोर्चे पर सफल बनाने में सक्षम होगा।
मुख्य बिन्दु- डिजिटल साक्षरता, तकनीकी, नवाचार शिक्षक, सरकारी नीतियां एवं डिजिटलीकरण।
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