भारतीय संविधान एवं पर्यावरण संरक्षण
Abstract
भारतीय संविधान अपने व्यापक ढांचे के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को शासन के एक बुनियादी पहलू के रूप में एकीकृत करता है। संविधान के अनुच्छेद 48 ए राज्य को पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने तथा वनांे और वन्यजीवांे की सुरक्षा करने का आदेश देता है। अनुच्छेद 51 ए जी पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार के लिए राज्य के कर्तव्य को उजागर करते है, साथ ही नागरिकांे की प्राकृतिक परिवेश की रक्षा और वृ़िद्व करने की जिम्मेेदारी भी बताते है। न्यायपलिका ने ‘‘ वेल्लोर सिटिजन्स वेलफेयर फोरम ‘‘ बनाम ‘‘ भारत संध ‘‘ जैसे ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से ‘‘ एहतियाती और प्रदूषणकर्ता भुगतान करता है ‘‘ के सिद्वान्त को शामिल करके इन संवैधानिक आदेशों को मजबूत किया है। यह एकीकरण भविष्य की पीढ़ियांे के लिए सामंजस्यपूर्ण अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक विकास को पर्यावरण संरक्षण के साथ संतुलित करते हुए सतत विकास के लिए भारत की प्रतिबद्वता को रेखांकित करता है।
मुख्य शब्दावली - पर्यावरण संरक्षण, संवैधानिक आदेश, सतत् विकास, न्यायिक निर्णय।
Additional Files
Published
How to Cite
Issue
Section
License
Copyright (c) 2024 www.ijarps.org
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License.