अमेठी जनपद में ग्रामीण पर्यटन की संभावनाएं और किंवदंतियों तथा मिथकों का महत्व
Abstract
भारत गांवों का देश है। इसके प्रत्येक प्रांत में ग्रामीण जीवन के विविध रंगों का सहज समावेश है। यहां के सांस्कृतिक वैविध्य के लिए प्रचलित कहावत है - ‘कोस कोस पर पानी बदले, चार कोस पर बानी’। भारत का कोना कोना विविधता के सौन्दर्य से विभूषित है। अतः भारतवर्ष में ग्रामीण पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। भारत के सर्वाधिक वैविध्य से भरा राज्य है- उत्तर प्रदेश। यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, लघु उद्योगों, हस्तशिल्प, कारीगरी, धार्मिक-सांस्कृतिक स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों के बीच प्रचलित लोक मान्यताएं और किंवदंतियों से रसासिक्त वर्णन शैली पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र हैं। उत्तर प्रदेश के बहुप्रतिष्ठित पौराणिक महत्व के जनपद अयोध्या के समीपस्थ ही अमेठी नामक जनपद स्थित है। यहां सुप्रसिद्ध जगदीशपुर नामक विकसित औद्योगिक क्षेत्र है, कोरवा नामक स्थान पर इंडो-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड की एक राइफल निर्माण सुविधा है। इसकी मुसाफिरखाना नामक तहसील में कादूनाला नामक ऐतिहासिक शौर्यस्थल और ‘मूंज’ की खेती तथा इससे निर्मित उत्पाद विशेष प्रसिद्ध हैं। प्रस्तुत शोधपत्र में अमेठी जनपद के ग्रामीण स्थलों की पर्यटन की दृष्टि से संभावनाओं और प्रचलित किंवदंतियों से आकर्षण के केन्द्र के रूप में विकसित करने के प्रयासों का विश्लेषण किया गया है।
शब्द संक्षेप- अमेठी जनपद, ग्रामीण जीवन, ग्रामीण पर्यटन, संभावनाएं, किंवदंतियां, मिथक
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