भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के उपायों का अध्ययन
Abstract
वर्ष 1991 से शुरू किये गये आर्थिक सुधारों के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था ने प्रबल एवं सतत आर्थिक वृद्धि की है। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण कारण आये आर्थिक संकट से उबरते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था ने पुनः गति पकड़ ली है और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत की विकास दर को 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसी तीव्र आर्थिक वृद्धि का परिणाम ही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आगे बढ़ती हुई 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। अब हमारा लक्ष्य अपनी अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाते हुए विश्व स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का है। इस बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें एक साथ अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिए कारगर एवं प्रभावी रणनीतियां बनानी होंगी।
इसके लिए एक साथ विभिन्न क्षेत्रों में भारी निवेश की भी आवश्यकता होगी। भारत सरकार ने 2019 में ही 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने हेतु रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया था। परन्तु कोरोना महामारी के कारण इन रणनीतियों को पूरी तरह से अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। परन्तु 2022-23 के उच्च संवृद्धि दर ने 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को साधे जाने की संभावना को पुनः जीवंत कर दिया है।
कीवर्ड- भारतीय अर्थव्यवस्था, 5 ट्रिलियन डॉलर, सतत आर्थिक वृद्धि, उच्च संवृद्धि
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