जलवायु परिवर्तन का जल संसाधनों पर प्रभाव

Authors

  • डॉ0 तुषार रंजन1

Abstract

जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय की सबसे गम्भीर वैश्विक चुनौतियों में से एक है, जिसका सीधा व गहरा प्रभाव जल संसाधनों पर पड़ रहा है। बढ़ता वैश्विक, जलवायु परिवर्तन के अतिरिक्त प्रभाव जिनका जल संसाधनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है, जिसमें वाष्पीकरण दर में वृद्धि, हिमपात के बजाय वर्षा के रूप में प्राप्त होने वाली वर्षा का उच्च अनुपात, पानी के तापमान में वृद्धि और अंतर्देशीय और तटीय क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता में कमी शामिल है। इनमें से प्रत्येक प्रभाव के भौतिक और आर्थिक परिणामों पर नीचे चर्चा की गयी है। निष्कर्षतः जलवायु परिवर्तन ने जल संसाधनों को अस्थिर कर दिया है, जिससे न केवल मानव जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र भी खतरे में है। इस संकट से निपटने के लिए तकनीकी, नीतिगत और सामुदायिक प्रयासों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सतत विकास के लक्ष्य और जलवायु अनुकूलन उपाय जल संकट को कम करने में सहायक हो सकते हैं। यह शोधपत्र न केवल वायु परिवर्तन के प्रभाव की गहन समझ प्रदान करता है, बल्कि यह इस चुनौती से निपटने के लिए सतत और प्रभावी समाधान भी प्रस्तुत करता है। यह अध्ययन नीतिगत निर्धारणकर्त्ताओं और समुदाय के लिए जलवायु अनुकूलन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका के रूप में कार्य कर सकता है।
मुख्य शब्द- जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, भूजल, हिमनदों का पिघलना, जल संकट, प्रबन्धन

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Published

26-02-2025

How to Cite

डॉ0 तुषार रंजन1. (2025). जलवायु परिवर्तन का जल संसाधनों पर प्रभाव. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 4(02), 10–13. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/569

Issue

Section

Research Paper