कौशल विकास में मुक्त शैक्षिक संसाधन की भूमिका

Authors

  • डॉ अमिता जैन

Abstract

वैश्विक स्तर पर प्रथम ओ० ई० आर० सम्मेलन पेरिस (फ्रांस) में 20-22 जून 2012 को हुआ था। इसका आयोजन यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) के द्वारा किया गया था। भारतीय शिक्षा प्रणाली पिछले कुछ समय से लगातार विकसित हो रही है।ऑनलाइन शिक्षण ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में और अधिक लाभ जोडे हैं। 2020-21 के वित्तीय वर्ष के बजट के शुभारंभ के दौरान सरकार ने नई शिक्षा नीति की घोषणा की, जिसमें ऑनलाइन शिक्षा द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को दिखाया गया। ऑनलाइन शैक्षिक संसाधनों का अक्सर ई-लर्निंग के साथ घनिष्ठ संबंध होता है। ई-लर्निंग न केवल एक तकनीक है बल्कि सीखने और सिखाने के लिए विभिन्न शिक्षाशास्त्रों का संग्रह भी है। यह ओईआर को एक शिक्षाशास्त्र के रूप में भी शामिल कर सकता है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सुविधा प्रदान कर सकता है। ओईआर का मुख्य लाभ यह है कि यह छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए स्वतंत्र रूप से सुलभ है। ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के अलावा छात्र किसी विशेष विषय में अधिक अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए इन ओईआर का उपयोग कर सकते हैं। बदलते समय और प्रौद्योगिकी के साथ दूरस्थ शिक्षा अधिक लोकप्रियता प्राप्त कर रही है। राष्ट्रीय ज्ञान आयोग ने इस बदलते रुझान को दूर करने के लिए ओईआर की संख्या में वृद्धि का सुझाव दिया है।
मूल शब्द- मुक्त शैक्षिक संसाधन, प्लेटफार्म, कुरिकी, डिजिटल तकनीक, ऑनलाइन कक्षा।

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Published

30-06-2023

How to Cite

डॉ अमिता जैन. (2023). कौशल विकास में मुक्त शैक्षिक संसाधन की भूमिका. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 2(06), 57–62. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/57

Issue

Section

Research Paper