ग्रामीण विकास पर एक अध्ययनः भारत के विशेष सन्दर्भ में

Authors

  • सुमित कुमार, प्रो० प्रीति पाठक

Abstract

ग्रामीण विकास का अर्थ है, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना और आर्थिक सुरक्षा, रोजगार के अवसर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना ही ग्रामीण विकास कहलाता है। ग्रामीण विकास किसी देश के विकास की महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, 2011 की जनगणना के आधार पर 68.84: लोग गांव में रहते हैं, और यदि ग्रामीण क्षेत्र का विकास धीमा रहे तो यह समग्र आर्थिक प्रगति में बाधा बनेगा। वर्षों से,भारत में ग्रामीण विकास की नीतियों, रणनीतियों और योजनाओं में कई परिवर्तन दिखाई देते हैं, जिससे इसे एक नया दृष्टिकोण और दिशा मिली है। ग्रामीण आर्थिक विकास में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के एकीकरण के आधार पर आवश्यक नीतियां बनती हैं, जो ग्रामीण इलाकों या क्षेत्र को सतत विकास प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने में सहायता प्रदान करती है। इस अध्ययन मुख्य उद्देश्य भारत में ग्रामीण विकास की भूमिका महत्व मुद्दे और सरकार द्वारा उठाए गए पहलों का विश्लेषण करना है।
मूल शब्दः ग्रामीण विकास,रोजगार और विकास, ग्रामीण लोग

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Published

26-02-2025

How to Cite

सुमित कुमार, प्रो० प्रीति पाठक. (2025). ग्रामीण विकास पर एक अध्ययनः भारत के विशेष सन्दर्भ में. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 4(02), 45–52. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/575

Issue

Section

Research Paper