डे जीरोः भविष्य की संभावना या वर्तमान की वास्तविकता

Authors

  • डॉ. नसीमा बेगम अंसारी

Abstract

जल प्रबंधन सतत विकास की आधारशिला है। संयुक्त राष्ट्र के जल विकास रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की आबादी का पांचवां हिस्सा भौतिक जल की कमी वाले क्षेत्रों में रहता है। भारत में विश्व की 18ः आबादी का वास है लेकिन विश्व के कुल जल संसाधन में भारत की हिस्सेदारी मात्र 4ः हैं, जो भारत को अत्याधिक जल तनाव वाले देशों के श्रेणी में शामिल करने का आधार रहा है। वैश्विक स्तर पर जल के बेतरतीब एवं अविवेकपूर्ण दोहन के नतीजे डरावने हैं।
इस पर होने वाले विभिन्न अध्ययनों द्वारा यह संभावना व्यक्त कि गई है कि वर्ष 2050 तक विश्व के 36ः देश जल तनाव की भयंकर समस्या का सामना करेगे जिसका बड़ा कारण पानी की मांग में 80ः की वृद्धि के कारण होगी ंजिससे जल की मांग एवं पूर्ति में व्यापक अंतराल इस समस्या को अधिक विकराल करेगा। जल तनाव पर होने वाले विभिन्न अध्ययनों ने वर्तमान में इस चर्चा को तेज किया है कि दुनियां भर के 200 शहर डे जीरो की ओर बढ़ रहे हैं जो चिंताजनक जल संसाधनों की अनिश्चित स्थिति को उजागर करती है। ज्ञात हो कि वृहद जल संकट का प्रतीक ‘डे जीरो‘ उस बिंदु को संदर्भित करता है जिस पर किसी स्थान विशेष की जलापूर्ति रोक दी जाती है या पूर्णतया जल समाप्ति की भविष्यवाणी की जाती है।
जल संकट भविष्य की संभावना नही, बल्कि जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या वृद्धि एवं अस्थिर जल उपयोग के कारण सम्पूर्ण विश्व एवं मानवता के सामने एक मौजूदा वास्तविकता है जो दुनियां के किसी कोने तक सीमित न होकर कई देशों के विकसित शहरों की एक गंभीर समस्या का रूप ले चुका है। ज्ञात हो कि डे जीरो का खतरा जल संसाधनों पर बढ़ते तनाव के विश्वव्यापी पैटर्न को दर्शाता है, जिसे निर्मित करने में जलवायु परिवर्तन ने अहम भूमिका निभाई ऐसे में जल संरक्षण तथा इसके प्रबंधन पर तत्काल प्रभावी कार्य किए जाने चाहिए अन्यथा वो दिन दूर नही जब भारत के कई शहर केपटाउन बन जाएगे। ज्ञातव्य हो कि केपटाउन विश्व का प्रथम जलविहिन शहर घोषित किया गया है।
वर्ष 2015 से 2018 के बीच केपटाउन ने गंभीर सूखे का अनुभव किया है, जिसे 400 वर्षों में एक बार आने वाली घटना माना जाता है, जिसने लगभग 4.6 मिलियन आबादी वाले इस शहर को जल संकट के उच्चतम बिन्दु पर पहुंचा दिया जहां जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या वृद्धि एवं न्यून वर्षा कारकों के संयुक्त प्रभावों से यह संकट और भी बढ़ गया। प्रस्तुत शोध पत्र का मुख्य उद्देश्य डे जीरो तथा जल संकट की चुनौती उसके कारणों को भारत एवं उसके वृहद जल तनाव वाले शहरों के संदर्भ में रेखांकित कर भारत की जल प्रबंधन रणनीति का अध्ययन कर उपयुक्त सुझाव प्रेषित करना है।
शब्द कुंजी: जलवायु परिवर्तन, जल प्रबधंन ,डे जीरो, जल तनाव

 

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Published

30-11-2024

How to Cite

डॉ. नसीमा बेगम अंसारी. (2024). डे जीरोः भविष्य की संभावना या वर्तमान की वास्तविकता. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(11), 288–292. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/635

Issue

Section

Research Paper