वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मूल्यपरक शिक्षा की उपादेयता

Authors

  • डॉ0 बॉबी यादव

Abstract

मूल्यपरक शिक्षा वस्तुतः शैक्षिक वातावरण में विद्यार्थियों को प्रदान की जाने वाली मूल्य आधारित संस्कारों से ओतप्रोत शिक्षा है जो आज के वैश्वीकरण और भूमंडलीकरण के दौर में, जहां अस्तित्ववादी एवं वैयक्तिकता संपन्न विचारों से ओतप्रोत सामाजिक व्यवस्था में शिक्षार्थियों को बेहतर नागरिक बनने की ओर अग्रसर करती है वहीं बेहतर सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्था स्थापित करने में भी योगदान देती है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए भारत में केंद्रीय तथा राज्य सरकारें अपने अंतर्गत आने वाले शैक्षिक संस्थानों में लागू किए जाने वाले पाठ्यक्रमों में अनेक प्रकार के बदलाव कर रही हैं वहीं इसका असर व्यापक समाज में भी परिलक्षित हो रहा है, जिसकी बानगी नई शिक्षा नीति में भी देखने को मिलती है।
बीजशब्द- मूल्यपरक शिक्षा, वैश्वीकरण, भूमंडलीकरण, संस्कार, संस्कृति, सामाजिक व्यवस्था, पाठ्यक्रम, नैतिक मूल्य, मानवीय सभ्यता।

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Published

31-05-2025

How to Cite

डॉ0 बॉबी यादव. (2025). वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मूल्यपरक शिक्षा की उपादेयता. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 4(5), 1–4. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/739

Issue

Section

Research Paper