भारत में पिछड़ा समाज और उच्च शिक्षा

Authors

  • डा0 मनीषा

Abstract

भारत में उच्च शिक्षा का विस्तार स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद तेज़ी से हुआ, किंतु सामाजिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों जैसे अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, और अनुसूचित जनजाति के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना अब भी एक चुनौती बना हुआ है। यह शोध पत्र स्वतंत्रता के बाद से 2021 तक के कालखंड में पिछड़े समाज की उच्च शिक्षा में सहभागिता, सरकारी नीतियाँ, आरक्षण व्यवस्था, सामाजिक बदलाव और चुनौतियों का विश्लेषण करता है। इसके माध्यम से यह समझने का प्रयास किया गया है कि भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े समाज को किस हद तक समावेशिता और अवसर प्राप्त हुए हैं।
मुख्य शब्द- पिछड़ा समाज, उच्च शिक्षा, आरक्षण नीति, सामाजिक न्याय, शैक्षिक असमानता, अनुसूचित जाति, जनजाति, नीति विश्लेषण, समावेशी शिक्षा

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Published

31-01-2022

How to Cite

डा0 मनीषा. (2022). भारत में पिछड़ा समाज और उच्च शिक्षा. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 1(1), 24–29. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/792

Issue

Section

Research Paper