वर्तमान परिदृश्य में बौद्ध दर्शन की प्रासंगिकता

Authors

  • नीता सोनकर

Abstract

ईसाई धर्म और इस्लाम धर्म के पश्चात् तीसरे सबसे बड़े धर्म के रूप में प्रतिस्थापित बौद्ध धर्म शंाति, अहिंसा, करूणा, मानवता, विश्वबन्धुत्व और लोककल्याण की भावना से अभिप्रेरित आध्यात्मिक दर्शन और सिद्धांत है। महान विभूति गौतम बुद्ध जो कि आगेे चलकर ‘महात्मा बुद्ध‘ के नाम से प्रसिद्ध हुए, ने अपने आदर्शांे सिद्धांतों और जीवन दर्शन से सम्पूर्ण मानव जाति को एक नवीन जीवन ज्योति प्रदान किया।
बौद्ध धर्म महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं पर आधारित है जो कि मानवता के लिए एक उज्जवल प्रकाश के समान है। बौद्ध धर्म दुःख, दुःख के कारण और दुःख निवारण के लिए मार्गदर्शन तथा सरल साधानात्मक उपाय प्रस्तुत करने के साथ ही वर्तमान ज्वलंत समस्याओं और चुनौतियों का सकारात्मक समाधान प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बौद्ध धर्म की विशेषता है कि यह ध्यान, तपस्या, सद्विचार, संयम, अहिंसा, समानता, समरसता को आधारभूत अंग मानता है। वर्तमान वैज्ञानिक युग में महात्मा बुद्ध का जीवन दर्शन और बौद्ध धर्म के सिद्धांत मानवीय सचेतनता और विश्व कल्याण के साथ ही आध्यात्मिक उन्नति, शुद्ध चित्त, विकार मुक्त वातावरण एवं आदर्श जीवन पद्धति प्रस्तुत करने के कारण वर्तमान समय में अधिक प्रासंगिक है।
शब्द कुंजी - पुनर्जागरण, आध्यात्मिक चेतना, आत्मसत्य, आत्मज्ञान, सचेतनता, मध्यम मार्ग

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Published

30-06-2025

How to Cite

नीता सोनकर. (2025). वर्तमान परिदृश्य में बौद्ध दर्शन की प्रासंगिकता. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 4(06), 131–134. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/822

Issue

Section

Research Paper