जनपद देवरिया में जनसंख्या वृद्धि एवं भूमि उपयोग परिवर्तन

Authors

  • डॉ0 राज कुमार गुप्ता एवं डॉ0 शिवेन्द्र प्रताप सिंह

Abstract

वर्तमान में जनसंख्या की बढ़ती आबादी के कारण संसाधनों पर उच्च दबाव पड़ रहा है। भूमि उपयोग परिवर्तन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्राकृतिक परिदृश्य को प्रत्यक्ष रूप से मानव प्रेरित भूमि उपयोग के लिए परिवर्तन कर दिया जाता है। भूमि एक ऐसी प्राकृतिक देन है जिसका निर्माण नहीं किया जा सकता है। जनपद देवरिया जनसंख्या वितरण एवं वृद्धि दर दोनों दृष्टि से उ0प्र0 का महत्वपूर्ण जनपद है। किसी भी क्षेत्र में भूमि उपयोग की उपयोगिता से क्षेत्र का आर्थिक भूदृश्य प्रभावित होता है। बढ़ती हुई जनसंख्या का भार भूमि उपयोग प्रतिरूप तकनीक तथा उसकी गहनता पर विशेष प्रभाव डालती है। जनपद में कृषि के लिए अनुपलब्ध भूमि में पिछले 15 वर्षों में 20.88 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है जबकि वन क्षेत्र लगभग स्थिर रहा है। परती भूमि में 0.17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। कृषि योग्य भूमि में कमी आयी है। देवरिया जनपद का सबसे महत्वपूर्ण भूमि उपयोग परिवर्तन पहलू यहां शुद्ध बोये गये क्षेत्र में कमी दर्ज होना है जो कि एक चिन्ताजनक स्थिति है। यहां द्विशस्यीय क्षेत्र में भी निरन्तर कमी आ रही है जो इस क्षेत्र के लोगों का कृषि के प्रति लगाव कम होना प्रदर्शित करता है।
मुख्य शब्द:- जनसंख्या वृद्धि, भूमि उपयोग, आर्थिक भूदृश्य, परती भूमि, कृषि योग्य भूमि, द्विशस्यीय क्षेत्र।

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Published

30-06-2025

How to Cite

डॉ0 राज कुमार गुप्ता एवं डॉ0 शिवेन्द्र प्रताप सिंह. (2025). जनपद देवरिया में जनसंख्या वृद्धि एवं भूमि उपयोग परिवर्तन. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 4(06), 135–141. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/823

Issue

Section

Research Paper