महिला सशक्तिकरण में उच्च शिक्षा की भूमिका

Authors

  • शालू गुप्ता

Abstract

उच्च शिक्षा को डिग्री स्तर की शिक्षा के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कानून, संगीत कला के क्षेत्र में व्यावसायिक स्कूल, शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान और तकनीकी संस्थान सहित अन्य संस्थान शामिल हैं। महिलाएं केवल साक्षरता के माध्यम से ही सशक्त नहीं हो सकती बल्कि वे उच्च शिक्षा के माध्यम से अधिक सशक्त एवं सक्षम बन सकती हैं। आधुनिक भारत में महिलाएं राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री लोकसभा अध्यक्ष जैसे शीर्ष पदों पर आसीन हुई हैं।इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि पिछले कुछ दशकों से उच्च शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में वृद्धि हुई है। भारत विकास के पथ पर अग्रसर हुआ है। वास्तव में उच्च शिक्षा महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।यह केवल उच्च शिक्षा ही है जो उन्हें आवश्यकतानुसार अपने अधिकारों का उपयोग करने में सक्षम बनाती है। उच्च शिक्षा महिलाओं को ज्ञान कौशल और आत्मविश्वास के साथ सशक्त बनाने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। यह असमानताओं में कमी लाती है और परिवार के भीतर उनकी स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करती है।वर्तमान में उच्च शिक्षा का लक्ष्य महिलाओं को व्यवसायिक, तकनीकी और पेशेवर शिक्षा तक पहुंच प्रदान करना है। महिला सशक्तिकरण और उच्च शिक्षा के मार्ग में कई बाधाएं हैं।महिला सशक्तिकरण और उच्च शिक्षा के संबंध में भारत सरकार की नीतियों और विभिन्न कार्यक्रमों का उचित क्रियान्वयन होना चाहिए। प्रस्तुत शोध पत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने में उच्च शिक्षा की प्रासंगिकता का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है।
बीज शब्द - उच्च शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, समाज, आवश्यकता, विकास, समानता आदि।

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Published

30-04-2025

How to Cite

शालू गुप्ता. (2025). महिला सशक्तिकरण में उच्च शिक्षा की भूमिका. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 4(04), 336–342. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/831

Issue

Section

Research Paper