राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में समावेशी शिक्षा
Abstract
भारतीय संविधान में समता, स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय एवं व्यक्ति की गरिमा को प्राप्य मूल्यों के रूप में निरूपित किया गया है। हमारा संविधान जाति, वर्ग, धर्म, आय एवं लैंगिक आधार पर किसी भी प्रकार के विभेद का निषेध करता है। लोकतांत्रिक समाज की स्थापना हेतु हमारे संवैधानिक मूल्य स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं और इस प्रकार समावेशी समाज की स्थापना का आदर्श प्रस्तुत करते हैं। समावेशी समाज की स्थापना में समावेशी शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि शिक्षा ही सामाजिक न्याय और समानता को हासिल करने का एकमात्र प्रभावी साधन है। यह ना सिर्फ स्वयं में एक आवश्यक लक्ष्य है बल्कि समतामूलक एवं समावेशी समाज के निर्माण के लिये भी अनिवार्य कदम है। इसी महत्वपूर्ण तथ्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में समतामूलक और समावेशी विषय पर विस्तार से चर्चा की गई है। प्रस्तुत शोधपत्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विभिन्न विशिष्ट वर्गों की शिक्षा एवं समावेशन के संदर्भ में सूक्ष्म विवरण प्रस्तुत करने का एक प्रयास है।
कूट शब्द - समावेशी शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति
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