भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए खतरा और उनसे निपटने के उपाय
Abstract
भारत का महासागरों के साथ ऐतिहासिक संबंध रहा है और यह किसी भी अन्य द्वीप देश की तरह महासागरों/समुद्रों पर निर्भर है। भारत की भू-रणनीतिक स्थिति उसे हिंद महासागर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती है। इस क्षेत्र में विशाल जनसंख्या, ऊर्जा, परिवहन तथा मुख्य प्रवेश मार्ग प्रदान करने के कारण हिंद महासागर अब रणनीतिक रूप से दुनिया के सबसे सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। विशेष रूप से शीत युद्ध के बाद इस क्षेत्र में बाह्य शक्तियों के हस्तक्षेप ने भारतीय समुद्रिक क्षेत्र के लिए सुरक्षा खतरों को बढ़ा दिया है।
मुख्य शब्द- संप्रभुता, गैर-पारंपरिक सुरक्षा, नाजुकता, भू-राजनीति, विकास।
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Published
30-11-2024
How to Cite
अमित कुमार पटेल, डॉ0 कुलदीप सिंह. (2024). भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए खतरा और उनसे निपटने के उपाय. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 3(11), 297–303. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/903
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Research Paper
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