उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष और मीडिया की भूमिका
Abstract
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में मीडिया को चौथे स्तंभ की संज्ञा दी जाती है। यह न केवल जनमत निर्माण में सहायक है, बल्कि सत्ता और जनता के बीच सेतु का कार्य भी करता है। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य में मीडिया की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उत्तर प्रदेश न केवल देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, बल्कि संसद में सबसे अधिक सांसद भेजने वाला प्रदेश भी है। इस कारण यहाँ की राजनीतिक दिशा पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करती है। लोकतंत्र में विपक्ष एक अनिवार्य स्तंभ है, जो सत्ताधारी दल की नीतियों, निर्णयों और कार्यप्रणाली पर निगरानी रखता है तथा जनहित के मुद्दों को उठाता है। परंतु यदि मीडिया विपक्ष की भूमिका को सीमित, उपेक्षित या विकृत रूप में प्रस्तुत करने लगे, तो लोकतांत्रिक संतुलन डगमगाने लगता है। इसी परिप्रेक्ष्य में यह शोधपत्र “उत्तर प्रदेश में मीडिया और विपक्ष” के आपसी संबंध, संघर्ष और प्रभाव का विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
मुख्य शब्द- विपक्ष, राजनीतिक परिदृश्य, मीडिया, गठबंधन डिजिटलीकरण,औ लोकतांत्रिक सन्तुलन।
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