भारत में ट्रांसजेण्डर्स के सामाजिक कानूनी अधिकार
Abstract
भारतीय समाज में ट्रांसजेण्डर को किन्नर, हिजड़ा, छक्का, मीठा, आदि नामों से बुलाते हैं। ये ऐसे इंसान होते है जो न तो पूरी तरह से स्त्री होते है और न ही पुरूष हमारे समाज में केवल खुद की पहचान पर चर्चा की जाती है, ट्रांसजेण्डर समुदाय को किसी भी प्रकार की इज्जत नहीं दी जाती है। जिसकी वजह से यह समुदाय अपने आपको अलग महसूस करता है। उन्हें अक्सर सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है। जिससे कई लोग भीख मांगने तथा नाचने गाने के व्यवसाय में शामिल हो जाते हैं। कभी-कभी अपने जीवन यापन के लिए उन्हें सेक्सवर्कर का कार्य भी करना पड़ता है। इनके लिए सरकारी कानून का कागज हाथ में थमा देने से कुछ नहीं होने वाला, जब तक इनके समाजिक अधिकार सुनिश्चित न हो।
मुख्य शब्द-ट्रांसजेण्डर, तृतीयक लिंग, ट्रांस पुरूष, ट्रांस महिला।
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