कोई वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद-19(1)छ) और सफाई कामगार समुदाय : मानवीय गरिमा दृष्टिकोण

Authors

  • निरूपमा सिंह

Abstract

भारत में लोकतांत्रिक संविधान की व्यवस्था लागू है तथा समाज में नित नए वैज्ञानिक तकनीको को अपनाया जा रहा है जिसके लाभ भी भारतीय नागरिकों को संविधान लागू होने तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् हो रहे हैं। यह शोध पत्र भारतीय संविधान के भाग-3 ‘‘मौलिक अधिकारों’’ में अनुच्छेद-19(1)छ जो नागरिको को कोई भी वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता मौलिक अधिकार के रूप में देता है तथा यह स्वतंत्रता सफाई कामगार समुदाय जिसे वाल्मीकि समाज भी कहा जाता है, के संदर्भ में कितना कारगर साबित हो सका है और उनकी मानवीय गरिमा को किस रूप में प्रभावित करता है, समझने का प्रयास है।
मुख्य शब्दः - अनुच्छेद-19(1)छ), सफाई कामगार समुदाय, मानवीय गरिमा का दृष्टिकोण।

Additional Files

Published

02-09-2023

How to Cite

निरूपमा सिंह. (2023). कोई वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद-19(1)छ) और सफाई कामगार समुदाय : मानवीय गरिमा दृष्टिकोण . Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 2(09), 120–123. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/144

Issue

Section

Research Paper