दीन दयाल उपाध्याय का भारतीय राजनीति में योगदान

Authors

  • डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल

Abstract

दीन दयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे, जिन्होंने एकात्म मानववाद और राष्ट्रवाद की अवधारणाओं के माध्यम से भारतीय राजनीति को दिशा प्रदान की। उनका विचारधारा आधारित दृष्टिकोण भारतीय जनसंघ की नींव बना और आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वैचारिक आधार का निर्माण हुआ। उनकी नीतियाँ सामाजिक समरसता, स्वदेशी अर्थव्यवस्था, और सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर केंद्रित थीं।
उपाध्याय जी का एकात्म मानववाद भारतीय समाज की जटिल संरचना को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया था। इसमें व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र को एक अविभाज्य इकाई के रूप में देखा गया, जिसमें प्रत्येक स्तर पर संतुलित विकास आवश्यक था। उन्होंने आर्थिक स्वावलंबन, विकेंद्रीकरण, और ग्राम विकास को राष्ट्र की समृद्धि का आधार माना। उनका मानना था कि पश्चिमी विचारधाराओं के अंधानुकरण की बजाय, भारत को अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के आधार पर नीतियाँ बनानी चाहिए। इस शोध पत्र में उनके राजनीतिक विचारों, उनके योगदान, तथा भारतीय समाज एवं राजनीति पर उनके प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, यह भी अध्ययन किया गया है कि कैसे उनकी विचारधारा आज के राजनीतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिक बनी हुई है।
कीवर्ड - दीन दयाल उपाध्याय, भारतीय राजनीति, एकात्म मानववाद, भारतीय जनसंघ, राष्ट्रवाद, समाजवाद, विकास नीति, स्वदेशी, सांस्कृतिक पुनरुत्थान, विकेंद्रीकरण

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Published

31-07-2023

How to Cite

डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल. (2023). दीन दयाल उपाध्याय का भारतीय राजनीति में योगदान. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 2(07), 28–34. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/607

Issue

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Research Paper

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