मानवेंद्र नाथ रॉय का नव-मानववाद, एकात्म मानववाद और अंत्योदय की अवधारणा
Abstract
यह शोध पत्र भारतीय विचारक मानवेंद्र नाथ रॉय के नव-मानववाद, दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद तथा महात्मा गांधी की अंत्योदय अवधारणा का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है। नव-मानववाद की मूलभूत धारणाएँ, जिसमें व्यक्ति की स्वतंत्रता, तार्किकता, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का समावेश होता है, को समझने के साथ-साथ, भारतीय समाज और संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में एकात्म मानववाद और अंत्योदय की प्रासंगिकता को स्पष्ट किया गया है। शोध पत्र में तीनों विचारधाराओं के पारस्परिक संबंधों और समकालीन सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ में उनकी भूमिका का गहन विश्लेषण किया गया है।
कीवर्ड- मानवेंद्र नाथ रॉय, नव-मानववाद, एकात्म मानववाद, अंत्योदय, समाजशास्त्र, भारतीय दार्शनिक परंपरा, सामाजिक न्याय।
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