श्रीमद् भगवद् गीता में प्रबंधन का महत्व

Authors

  • डा० शुचि

Abstract

श्रीमद् भगवद् गीता कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास द्वारा रचित एक महान ग्रंथ है, जो भारत की महान धार्मिक संस्कृति तथा मूल्य को समझने का ऐतिहासिक एवम् साहित्यिक साक्ष्य है। तथा लोक परलोक का आध्यात्मिक ग्रंथ है। श्री वेदव्यास जी ने गीता की महता को प्रतिपादित करते हुए कहा है- “गीता सुगीता करने योग्य है”, ’गीता सुगीता कर्Ÿाव्या’ क्योंकि यह स्वयं पद्मनाभ भगवान श्री कृष्ण के मुखारविन्द से निकली है। गीता के ज्ञान ने युद्ध क्षेत्र मे निराशा तथा किंकर्तव्यविमूढ़ हुए अर्जुन को धर्म युद्ध करने के लिए मानसिक दृढ़ता प्रदान की परन्तु उनका यह ज्ञान केवल अर्जुन के लिए नही था अपितु आधुनिक प्रबंधन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। गीता का प्रत्येक अध्याय तथा प्रत्येक श्लोक अत्यंत सटीक तथा महत्वपूर्ण है।
मुख्य शब्दः श्रीमद् भगवद् गीता, श्री कृष्ण, अर्जुन, प्रबंधन, बुद्धि, निष्काम कर्म, आत्मज्ञान।

Additional Files

Published

31-07-2025

How to Cite

डा० शुचि. (2025). श्रीमद् भगवद् गीता में प्रबंधन का महत्व. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 4(07), 155–158. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/877

Issue

Section

Research Paper