अज्ञेय का सांस्कृतिक प्रदेश
Abstract
नयी कविता‘ और ‘प्रयोगवाद‘ के प्रवर्तक माने जाने वाले सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय‘ का साहित्यिक व्यक्तित्व बहुआयामी है। यही कारण है कि उनके आलोचकों ने उन्हें आधुनिक हिन्दी काव्य का ‘मसीहा‘ माना है। अज्ञेय जी बड़े ही चिन्तनशील, अन्तर्मुखी, एकान्तप्रेमी, संवेदनशील, प्रकृति अनुरागी तथा विनीत विद्रोही स्वभाव के थे। उनके व्यक्तित्व में एक ख्यातिलब्ध साहित्यकार के रूप में उपन्यासकार, कहानीकार, आलोचक, निबन्धकार, पत्रकार आदि के विविध रूप समाहित हैं। देश-विदेश में सांस्कृतिक भ्रमण करने के कारण इन्हें अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई। अपनी स्वाध्याय शक्ति और चिन्तनधर्मिता के द्वारा आपने साहित्य की विविध विधाओं में उल्लेखनीय एवं दिशा-निर्देशात्मक कार्य किए।
विषय संकेतः- अज्ञेय, साहित्यिक व्यक्तित्व कथा साहित्य एवं कहानीकार अज्ञेय।
Additional Files
Published
How to Cite
Issue
Section
License
Copyright (c) 2022 IJARPS.ORG
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License.