विनोबा भावे और भूदान आंदोलन
Abstract
विनोबा भावे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख विचारक और गांधीवादी नेता थे। उन्होंने 1951 में भूदान आंदोलन की शुरुआत की, जो भारत में भूमि सुधार की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम था। यह आंदोलन स्वेच्छा से भूमि दान करने पर आधारित था, जिससे भूमिहीन किसानों को लाभ हो सके। इस शोध पत्र में विनोबा भावे के जीवन, उनके आदर्शों, भूदान आंदोलन की उत्पत्ति, इसके प्रभाव और इसकी सीमाओं पर विस्तृत चर्चा की गई है। साथ ही, वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता का भी विश्लेषण किया गया है।
कीवर्ड- विनोबा भावे, भूदान आंदोलन, भूमि सुधार, गांधीवाद, सामाजिक न्याय, भारत में भूमि व्यवस्था
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Published
28-02-2023
How to Cite
डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल. (2023). विनोबा भावे और भूदान आंदोलन. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 2(2), 40–46. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/602
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Research Paper
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