भारतीय चुनाव प्रणाली और उसमें सुधार की आवश्यकता

Authors

  • डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल

Abstract

भारतीय लोकतंत्र विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक है, जिसकी चुनाव प्रणाली स्वतंत्रता के बाद से लगातार विकसित हो रही है। 1947 से 2021 तक भारतीय चुनाव प्रणाली में अनेक सुधार हुए हैं, किंतु आज भी यह कई चुनौतियों का सामना कर रही है। इस शोध पत्र में भारतीय चुनाव प्रणाली की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उसकी वर्तमान स्थिति तथा उसमें सुधार की आवश्यकता का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। यह अध्ययन चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता, तकनीकी उपयोग, धनबल एवं बाहुबल के प्रभाव, ईवीएम की विश्वसनीयता, मतदाता सूची में अनियमितताओं, चुनावी भ्रष्टाचार एवं अन्य मुद्दों पर केंद्रित है। अंततः, यह शोध पत्र संभावित सुधारों की ओर संकेत करता है जो भारतीय चुनाव प्रणाली को अधिक सक्षम और लोकतांत्रिक बना सकते हैं।
कीवर्ड- भारतीय चुनाव प्रणाली, निर्वाचन आयोग, सुधार, पारदर्शिता, ईवीएम, धनबल, बाहुबल, लोकतंत्र, मतदाता सूची, चुनावी भ्रष्टाचार।

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Published

31-10-2022

How to Cite

डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल. (2022). भारतीय चुनाव प्रणाली और उसमें सुधार की आवश्यकता . Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 1(10), 9–15. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/631

Issue

Section

Research Paper

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