भारतीय भारत-चीन संबंध: समकालीन चुनौतियाँ और भविष्य

Authors

  • डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल

Abstract

यह शोध-पत्र भारत और चीन के समकालीन सम्बन्धों की चुनौतियों और भविष्य के सम्भावित परिदृश्यों का विश्लेषण प्रस्तुत करता है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, 2020 के गलवान झड़प के पश्चात बदलते सैन्य गतिशीलता, आर्थिक परस्पर निर्भरता व व्यापारिक असंतुलन, प्रौद्योगिकीय-प्रतिस्पर्धा, क्षेत्रीय गठबंधनों और अनपारंपरिक सुरक्षा (जैसे- महत्वपूर्ण खनिज, सप्लाई-चेन) जैसे मुद्दों का विवेचन किया गया है। शोध में नीति-विकल्पों और तीन संभावित परिदृश्यों, नियंत्रित प्रतिस्पर्धा, सामरिक अलगाव, और क्रमिक सुलह का वर्णन है। निष्कर्ष में भारत के लिए संतुलित सामरिक नीतियाँ, आर्थिक विविधीकरण, बहुपक्षीय संवाद और चुनिंदा विश्वास-निर्माण उपाय सुझाये गये हैं।
मुख्य शब्द- भारत-चीन सम्बन्ध, सीमांत तनाव, गलवान, व्यापार असंतुलन, बीआरआई, सीपेक, सामरिक प्रतिस्पर्धा, नीतिगत विकल्प, आपूर्ति-श्रृंखला, महत्वपूर्ण खनिज।

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Published

31-08-2025

How to Cite

डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल. (2025). भारतीय भारत-चीन संबंध: समकालीन चुनौतियाँ और भविष्य. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 4(08), 172–178. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/921

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Research Paper

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