अटल बिहारी वाजपेयी की लोकतांत्रिक सोच और समकालीन भारतीय राजनीति

Authors

  • डा0 आभा चौबे

Abstract

यह शोधपत्र अटल बिहारी वाजपेयी की लोकतांत्रिक सोच का समालोचनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है और उसकी प्रासंगिकता को समकालीन भारतीय राजनीति में परखता है। शोध का उद्देश्य वाजपेयी के राजनीतिक वाचालपन, संसदीय आचरण, सहिष्णुता-उन्मुखी नीतियों और राष्ट्रवादी किंतु सहावादी रुख का विश्लेषण कर यह समझना है कि उनकी लोकतांत्रिक धारणा ने भारतीय लोकतंत्र, राजनीतिक विमर्श और दलगत व्यवहार पर क्या प्रभाव डाला। लेख में उनके भाषणों, नीतिगत निर्णयों (विस्तार से 1996 का संसद भाषण, 1998-2004 के कार्यकाल), तथा बाद के राजनीतिक/सामाजिक विमर्श में उनकी विरासत का आकलन किया गया है। शोध में समकालीन राजनीति पार्टियों के धु्रवीकरण, मीडिया की भूमिका और नागरिक संस्थाओं की चुनौतियों से उनकी लोकतांत्रिक विचारधारा की उपयुक्तता भी जांची गई है।
मूलशब्द- अटल बिहारी वाजपेयी; लोकतंत्र; संसदीय परंपरा; सहिष्णुता; समकालीन भारतीय राजनीति; दलगत धु्रवीकरण; संविधानवाद।

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Published

28-02-2022

How to Cite

डा0 आभा चौबे. (2022). अटल बिहारी वाजपेयी की लोकतांत्रिक सोच और समकालीन भारतीय राजनीति. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 1(02), 12–16. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/923

Issue

Section

Research Paper