प्लेटो की आदर्श राज्य की अवधारणा और आधुनिक लोकतंत्र
Abstract
प्लेटो की आदर्श राज्य की अवधारणा, जिसे उन्होंने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘दि रिपब्लिक’ में प्रतिपादित किया, पश्चिमी राजनीतिक चिंतन का एक आधारभूत स्तम्भ मानी जाती है। प्लेटो ने दार्शनिक-राजा, न्याय की परिभाषा, शिक्षा एवं नैतिकता पर आधारित शासन संरचना और नागरिक कर्तव्य जैसे तत्वों को आदर्श राज्य का आधार बताया। दूसरी ओर, आधुनिक लोकतंत्र व्यक्तिगत स्वतंत्रता, बहुलतावाद, जनसहमति, शक्तियों का विभाजन और विधिसम्मत शासन पर आधारित है। यह शोधपत्र प्लेटो की राजनीतिक दृष्टि का समालोचनात्मक विश्लेषण करता है और उसे 21वीं सदी के लोकतांत्रिक मूल्य एवं चुनौतियों से जोड़कर देखता है। अध्ययन से स्पष्ट होता है कि यद्यपि प्लेटो का आदर्श राज्य पूर्ण लोकतांत्रिक नहीं था, किन्तु उनकी न्याय, शिक्षा और नैतिक नेतृत्व सम्बन्धी अवधारणाएँ आज भी प्रासंगिक हैं। यह शोध प्लेटो के विचारों और आधुनिक लोकतंत्र की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए इस प्रश्न का उत्तर खोजता है कि क्या प्लेटो की परिकल्पनाएँ आधुनिक लोकतांत्रिक विमर्श को दिशा प्रदान कर सकती हैं।
मुख्य २ाब्द- प्लेटो, आदर्श राज्य, दार्शनिक-राजा, न्याय, आधुनिक लोकतंत्र, शिक्षा, नैतिक नेतृत्व, तुलनात्मक राजनीति, नागरिक कर्तव्य, शासन दर्शन।
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