मैकियावेली की पुस्तक द प्रिंस की 21वीं सदी में प्रासंगिकता

Authors

  • डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल

Abstract

मैकियावेली की प्रसिद्ध कृति द प्रिंस राजनीतिक दर्शन की एक महत्वपूर्ण रचना मानी जाती है। यह ग्रंथ सत्ता, राजनीति और शासन की वास्तविकताओं को उजागर करता है। 21वीं सदी में वैश्वीकरण, तकनीकी विकास और जटिल कूटनीतिक समीकरणों के परिप्रेक्ष्य में द प्रिंस के विचार कितने प्रासंगिक हैं, यह इस शोध पत्र में विश्लेषण किया गया है। यह शोध समकालीन राजनीतिक नेताओं, कॉर्पाेरेट प्रशासन और कूटनीति में मैकियावेली के सिद्धांतों की उपयोगिता को दर्शाता है। साथ ही, यह नैतिकता और यथार्थवाद के बीच संतुलन की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।
कीवर्ड- मैकियावेली, द प्रिंस, राजनीति, सत्ता, प्रशासन, नैतिकता, कूटनीति, 21वीं सदी

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Published

31-03-2022

How to Cite

डा0 अरविन्द कुमार शुक्ल. (2022). मैकियावेली की पुस्तक द प्रिंस की 21वीं सदी में प्रासंगिकता. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 1(03), 4–7. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/628

Issue

Section

Research Paper