ईरान-इस्राइल टकराव: मध्य पूर्व में शांति या युद्ध की दस्तक

Authors

  • डॉ0 अरविंन्द कुमार शुक्ल

Abstract

ईरान और इस्राइल के मध्य टकराव ने मध्य पूर्व की राजनीतिक स्थिरता, क्षेत्रीय संतुलन और वैश्विक कूटनीति को गहरे रूप से प्रभावित किया है। यह टकराव केवल दो राष्ट्रों के बीच वैचारिक विरोध नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक रणनीतिक, धार्मिक, और सामरिक प्रतिस्पर्धा का प्रतीक है।
यह शोध पत्र इस टकराव के ऐतिहासिक, वैचारिक, कूटनीतिक तथा भू-राजनीतिक पहलुओं का विश्लेषण करता है और यह विवेचना करता है कि यह संघर्ष मध्य पूर्व में शांति की संभावना को किस हद तक प्रभावित करता है या संभावित युद्ध की भूमिका तैयार कर रहा है। अमेरिका, रूस, चीन जैसी बाहरी शक्तियों की भूमिका तथा अरब देशों की स्थिति को भी इस अध्ययन में समाहित किया गया है।
अंततः, यह शोध इस निष्कर्ष तक पहुँचता है कि शांति की संभावनाएं अभी भी जीवित हैं, परंतु वे कई जटिल शर्तों और नीतिगत संतुलनों पर आधारित हैं।
मुख्य शब्द - ईरान, इस्राइल, मध्य पूर्व, क्षेत्रीय संघर्ष, भू-राजनीति, परमाणु कार्यक्रम, हिज़्बुल्लाह, अमेरिका, शांति प्रक्रिया, युद्ध की आशंका

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Published

30-06-2025

How to Cite

डॉ0 अरविंन्द कुमार शुक्ल. (2025). ईरान-इस्राइल टकराव: मध्य पूर्व में शांति या युद्ध की दस्तक. Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 4(06), 80–87. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/814

Issue

Section

Research Paper

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