कबीर की कविता और उसका समकालीन महत्व

Authors

  • डा0 प्रियंका रानी

Abstract

संत कबीर, 15वीं शताब्दी के एक प्रमुख संत-कवि, ने अपने समय की सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक व्यवस्थाओं पर गहन प्रश्न उठाए। उनकी कविताएँ, जो साखी, सबद और रमैनी के रूप में प्रचलित हैं, आज भी सामाजिक न्याय, धार्मिक सहिष्णुता और मानवीय मूल्यों के संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक हैं। यह शोध पत्र कबीर की कविता के विभिन्न पहलुओं, भाषा, दर्शन, सामाजिक दृष्टिकोण और समकालीन प्रभाव का विश्लेषण करता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कबीर की वाणी आज भी मानवता के लिए मार्गदर्शक है।
कीवर्ड्स- कबीर, निर्गुण भक्ति, सामाजिक सुधार, धार्मिक सहिष्णुता, समकालीन प्रासंगिकता, साखी, सबद, रमैनी, मानवतावाद, जातिवाद विरोध।

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Published

30-06-2022

How to Cite

डा0 प्रियंका रानी. (2022). कबीर की कविता और उसका समकालीन महत्व . Ldealistic Journal of Advanced Research in Progressive Spectrums (IJARPS) eISSN– 2583-6986, 1(06), 4–11. Retrieved from https://journal.ijarps.org/index.php/IJARPS/article/view/731

Issue

Section

Research Paper

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